साधक ग्रुप की नियमावली भाग 01
प्रभु प्रेमियों! सत्संग ध्यान के क्रमानुसार परिचय में आपका स्वागत है । आज हम सीखेंगे- साधक ग्रुप की नियमावली भाग 01![]() |
| साघनारत संत-महात्मा, साधक-साध्वी |
साधक ग्रुप में मैसेज भेजने की योग्यता क्या है ?
जय गुरु महाराज 🙏🙏🙏
सभी नये पुराने साधक महोदय जी ! आपसे विनम्रता पूर्वक करबद्ध प्रार्थना है कि आप महापुरुष है, आप में सरलता सादगी अधिक होना चाहिए और है भी । गुरु महाराज के प्रति श्रद्धा भक्ति का ही स्वरुप है कि आपने ऐसा मैसेज सेंड किया है; लेकिन हमारे विचार से आपके देखा-देखी बहुत लोग इसी तरह से मैसेज भेजने के लिए चाहने लगते हैं। क्योंकि लोगों का भी इच्छा है कि हम भी दूसरों से कुछ विशेष दिखें। लेकिन साधक ग्रुप में विशेषता इसी बात का है कि आप एक नियम से सब दिन चलते रहे । यही आपकी सबसे बड़ी विशेषता है । क्योंकि एक नियम में बंध के रहना बहुत बड़ी बात है। गुरु महाराज कबीर साहब के हवाले से कहते है कि "बंधा निरबंध हो रहे, निरबंध बंधा होय।" मतलब गुरु महाराज के आजा के अनुसार से अपना जीवन को साधारण रूप में रखना और उनके आज्ञा के अनुकूल रखना यह जो बंधन है। वह व्यक्ति को निर्बंध कर देता है। मोक्ष प्राप्त करा देता है; लेकिन अपना मनमानी करने में जो रहता है, वह बंधन में पड़ जाता है अर्थात् उसको आवागमन का चक्र होता है। तो साधक ग्रुप अंतर में धंसने के लिए है। आंतरिक साधना करने के लिए है। आप कितना अंतर में प्रवेश कर रहे हैं। इस बात का पुष्टि यही करेगा कि आप एकदम सिंपल ढंग से रोजाना पांचो समय हाजिरी लगा दे अर्थात् जय गुरु महाराज🙏🙏🙏 लिख दें और रोजाना एक ही समय पर हाजिरी लगावे अर्थात् रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में 2:00 से 3:00 बजे के पहले, सुबह में 5:00 बजे से पहले, दिन में 11:00 बजे से पहले, अपराह्न में 2:00 बजे से पहले और सायं में 6:15 बजे से पहले जय गुरु महाराज 🙏🙏🙏 लिख दें। अगर आप रोजाना ऐसा करते हैं तो आप सबसे अच्छा महापुरुष कहलाएंगे। एक दिन भी हाजरी नागा ना हो और लगातार कम-से-कम 6 महीना ऐसा कर देते हैं। तो आप सर्वश्रेष्ठ योगी महापुरुष हो जाएंगे। तब आपको आंतरिक आनंद की अनुभूति होने लगेगी और आप साधक ग्रुप के एडमिन बना दिए जाएंगे। तो यही आपकी सबसे बड़ी विशेषता होगी। बाहरी दिखावा कोई बड़ी बात नहीं। यही आम मनुष्य और आप साधकों में फर्क होना चाहिए। आम मनुष्य बाहरी दिखावा में ही लगा रहता है और जो जितना ज्यादा दिखावा कर पाता है, जितना संसार के चीजों को कंट्रोल कर पाता है, संसार में लोग उसको बहुत अच्छा समझते हैं। लेकिन यह बिल्कुल विपरीत बात है, वह मोक्ष से उतना ही दूर है, लेकिन जो लोग सांसारिक चीजों से जितना दूर है, वह उतना ही मोक्ष के नजदीक हो गए। लेकिन अगर वह गुरु महाराज के आजा के अनुसार रहते हैं तब । विवशता वश नहीं, अतः आपसे पुनः निवेदन है कि आप केवल जय गुरु महाराज 🙏🙏🙏 लिखकर हाथ जोड़ने वाला सिंबल लोड कर दें यही बहुत बड़ी बात होगी आपके लिए और हमारे लिए भी। जब इसका अभ्यास हो जाएगा बहुत दिन तक तब आपको स्वत: महसूस होगा कि हम कितना बड़ा काम कर रहे हैं । हमने अपने मन को कितना रोका है, हमारा मन किन-किन बातों में भाग रहा था। उन सब बातों से हटाकर हमने एक पर स्थित किया है मन को। इस प्रकार से आप एकाग्रता के क्षेत्र में आगे बढ़ जाएंगे। और साधना में तरक्की इन्हीं सब बातों से होता है । ज्यादा क्या कहें आप खुद समझदार हैं। कोई गलती हुआ हो तो क्षमा करेंगे और इस ग्रुप के साथ जुड़कर और भी सत्संगियों को जोड़ें। कम-से-कम पांच सत्संगियों को तो जरूर जोड़ें । यही निवेदन है जय गुरु महाराज🙏🙏🙏
एक बार एक महात्मा गुरु महाराज का प्रवचन बार-बार सेंड कर देते थे और तर्क दे रहे थे कि गुरु महाराज के प्रवचन से प्रेरणा प्राप्त नहीं करें, तो क्या करें? तो मैं उनसे निवेदन किया के गुरु महाराज का प्रवचन का पाठ रोजाना चैनल पर हो रहा है साधक उसको सुन ही रहे हैं। जब ध्यान करने का समय होगा तो आप कहिएगा की गुरु महाराज का प्रवचन सुन लीजिए तो लोग ध्यान करेगा की प्रवचन सुनेगा । सब काम का समय है तो जिस काम के लिए जो समय है उसे उसी समय पर करना है उसे उसी समय होना चाहिए। इससे उनको बड़ा दु:ख हुआ और वह ग्रुप ही छोड़ दिए लेकिन ऐसा उचित नहीं है।
गुरु महाराज का प्रवचन सेंड करके साधकों का समय नष्ट कर देना उचित नहीं है जो भी मैसेज भेजा जाता है तो उसको सबको पढ़ना चाहिए और उस पर विचार करना चाहिए और वह मैसेज अत्यंत महत्वपूर्ण हो और भेजने वाला उसको सब तरह से अपने आप में जांच ले तब मैसेज भेजें। इसलिए साधक ग्रुप में हर कोई मैसेज नहीं भेज सकता है। पहले उसका स्वयं पालन करें फिर कहे या साधक ग्रुप में सेंड करें। इसके लिए सबसे पहले उसे योग्य होना चाहिए और योग होने के लिए 6 महीना तक लगातार ब्रह्म मुहूर्त में हाजिरी लगाना जरूरी है तब उसको किसी भी मैसेज को ग्रुप में भेजने का सामर्थ हो जाएगा। यही इस ग्रुप का मर्यादा है। जैसे नेता बनने के लिए वोटिंग की व्यवस्था है । कोई भी काम करने के लिए उसके योग्यता होना जरूरी है और इस ग्रुप में मैसेज भेजने की योग्यता की परीक्षा यही है। जय गुरु महाराज🙏🙏🙏
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साधक ग्रुप की नियमावली 01 || साधक ग्रुप में मैसेज भेजने की योग्यता क्या है ?
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
9/09/2025
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9/09/2025
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