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सद्गुरु 01 || मनुष्य जीवन में सद्गुरु के महत्व || Importance of Sadguru in human life

 सद्गुरु 

     प्रभु प्रेमियों! सत्संग ध्यान के क्रमानुसार परिचय में आपका स्वागत है । आज हम सीखेंगे- मनुष्य जीवन में सद्गुरु के महत्व, के बारे में। 

गुरु कोन होता है? सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंसजी महाराज
गुरु कोन होता है? 

गुरु कोन होता है? 

{गुरु का इसमें बहुत आदर है।  सबसे कहा गया है कि-

'यह   सार  है  सिद्धान्त सबका, सत्य  गुरु  को  सेवना । 
''मेँहीँ" न हो कुछ यहि बिना;  गुरु सेव करनी चाहिए ।।'

     इसके बिना कुछ नहीं हो सकेगा। गुरु की सेवा कीजिए और संतमत के अनुकूल साधन-भजन कीजिए। संसार में रहने के लिए सीखिए। संसार में रहने के लिए पहली बात है कि राजा रहे वा राजा नहीं रहे, तो संघ का सिद्धांत होता है, उसको मानना चाहिए। राजा वा संघ को मानने से शांति रहेगी । राष्ट्र के सिद्धांत को मानिए । सिद्धांत नहीं मानने से वह विफल हो जाएगा । राज्य-शासन में पड़े हुए को राज्य के नियमों को मानना और उस पर चलना चाहिए।  ( महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर" / S495 ) }

{गुरुदेव बिन जीव की कल्पना ना मिटै, 
                            गुरुदेव बिन जीव का भला नाहीं । 
गुरुदेव बिन जीव का तिमिर नासे नहीं , 
                            समुझि  विचारि   ले  मने   माहिं ।। 
राह बारीक गुरुदेव तें पाइए , 
                             जन्म  अनेक  की  अटक  खोले । 
कहै कबीर गुरुदेव पूरन मिले , 
                              जीव और  सीव तब एक तोले ।। 
                                                          -कबीर साहब ) 

सद्गुरु की महिमा अपरंपार

(एक दिन समर्थ रामदास जी कुछ चेलों के साथ चले आते थे। चेलों ने कहा, "हमलोगों को भूख लग गयी है।" समर्थ राम दास जी ने कहा - "देखो, खेत में मकई के भुट्टे लगे हुए हैं, खा लो।" शिष्यों ने वैसा ही किया। तबतक में खेतवाले आ गये। वह गुस्से में आकर समर्थ रामदास जी को मकई के डंठल से मार बैठा। समर्थ रामदास जी मार वदर्दाश्त कर गये और शिष्यों से कहा-  "शिवा को यह बात मत कहना। नहीं तो इसे भारी दंड देगा।" जव समर्थ रामदास जी शिवा जी के यहां पधारे तो शिवाजी उनको स्नान अपने से ही कराने लगे। पीठ में मार का दाग देखकर अन्य शिष्यों से पूछा कि यह दाग इनकी पीठ में कैसे आया ? सव-के-सब चुप थे। कोई कुछ बोलते ही नहीं थे। शिवाजी ने कहा- "सही-सही बोलिये, नहीं तो आपलोगों को ही इसका दंड भोगना पड़ेगा ।" तब उन लोगों ने उक्त किसान का नाम कहा, जिसने समर्थ रामदास जी को मारा था। उसको शिवाजी ने पकड़वाकर अपने सामने मँगवाया। शिवाजी के डर से वह किसान बहुत ही कम्पित हो रहा था । समर्थ रामदास जी ने कहा- "शिवा ! देखो, तुम्हारे डर से यह बहुत दुःखी हो रहा है, इसे क्षमा कर दो । इसका मालपोत (मालगुजारी) माफ कर दो।"

     यह सब नमूना दूसरों से होना मुश्किल है। दादू दयाल जी लकड़ी चुनने के लिये जंगल गये। एक बाबू घोड़े पर चढ़कर आते थे। दादू दयाल जी शिर के बाल बनाये हुए थे। उनको मुण्डित शिर देखकर बाबू के मन में हुआ कि यात्रा पर मुण्डे शिर वाले से भेंट हो गयी, यात्रा अशुभ हो गयी। इसलिये उस बाबू ने दादू दयाल जी के माथे पर कोड़े से ठोकते हुए कहा - 

संत दादूदयाल जी महाराज
संत दादूदयाल जी महाराज
   "संत दादू दयाल जी का घर किधर है?" दादू दयाल जी बड़े गम्भीर सन्त थे। उन्होंने कहा कि थोड़ी दूर पर गाँव है । वहाँ पूछ लेने पर आपको उन‌का पता मिल जायगा। वे बाबू दादू दयाल जी के आश्रम पहुँचे। पीछे दादू दयाल जी भी वहाँ पहुँचकर जब अपने सिंहासन पर पधारे, तो वे बाबू बहुत घबरा गये और मन में सोचने लगे कि मैंने इन्हीं के माथे पर कोड़ा लगाया था। दादू दयाल जी ने कहा कि घबड़ाइये नहीं, चिन्ता की कोई बात नहीं है। अरे ! देहात की जब माई-दाई मिट्टी का वर्त्तन खरीदने जाती हैं तो वे कितनी ठोकरें मारकर लेती है कि वत्तंन पका है या नहीं। उसी तरह तुमने मेरे सिर पर ठोकर मारकर जाँच कर ली, तो क्या हर्ज है?"  ( महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर" / S496 ) }







प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के क्रमानुसार परिचय के अन्तर्गत  सद्गुरु 01 के इस पोस्ट का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि manushy jeevan mein sadguru ke mahatv, जीवन में गुरु का क्या महत्व है? गुरु का क्या महत्व है? गुरु शब्द का क्या महत्व है? गुरु की भूमिका क्या है?   इत्यादि बातें। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।



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सद्गुरु 01 || मनुष्य जीवन में सद्गुरु के महत्व || Importance of Sadguru in human life सद्गुरु  01  || मनुष्य जीवन में सद्गुरु के महत्व  ||  Importance of Sadguru in human life Reviewed by सत्संग ध्यान on 5/04/2024 Rating: 5

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