अन्यG1 या अन्य विचार / 1
प्रभु प्रेमियों ! सूक्तियाँ, चौक-चौराहा पर लिखे हुए उस बोर्ड के समान है, जो दिशा सूचक का काम करता है। यात्री अपने गंतव्य पर जाते समय रास्ते में जब संकित हो जाता है कि हमें किधर चलना चाहिए ? आगे कैसी स्थिति है? रास्ता क्लियर है या नहीं? किस दिशा में जाने पर हम जल्दी अपने गंतव्य पर पहुँच पायेंगे इत्यादि बातों सेसे; तब ये दिशा-सूचक बोर्ड बहुत सहायक होता है।
हमारे जीवन रूपी पथ पर चलते समय संत-महात्माओं की सूक्तियाँ इन्हीं दिशा-सूचक, सावधानी सतर्कता के बोर्ड के समान है। आइये यहाँ कुछ महापुरुषों के कुछ सूक्तियों का पाठ करें--
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